दलित महिला बनी ऑटो चालक - हरियाणा के हिसार जिले के भाटला गाँव से कथित सामाजिक बहिष्कार के कारण पलायन करने वाली दलित महिला उर्मिला देवी अब ऑटो चलाकर अपना और अपने बच्चों का पेट पाल रही है.
कथित दलित उत्पीडन के लिए चर्चा में रहे भाटला गाँव की उर्मिला देवी ने गाँव से पलायन कर हांसी को अपना घर बनाया लेकिन जब उसने अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए काम करने का प्रयास किया तो पाया कि महिलाओं के उत्पीडन के लिए हर जगह शिकारी तैयार बैठे हैं.
इस कारण उसने किसी के यहाँ नौकरी ना करके स्वयं का कोई रोजगार करने की ठानी और रोजगार तलाश करना शुरू किया. उर्मिला ने एक इलेक्ट्रिक ऑटोरिक्शा खरीदकर उसे अपने स्वरोजगार का साधन बनाया. धीरे-धीरे उर्मिला को ऑटो ड्राईवर के रूप में पहचान मिलने लग गई.
उर्मिला के अनुसार उनके गाँव में पिछले दो वर्षों से दलितों का सामाजिक बहिष्कार चल रहा है. इसके चलते गाँव में दलित समाज के लिए खाने पीने की वस्तुएँ, किराने का सामान, दूध, पशुओं का चारा तथा अन्य रोजमर्रा की वस्तुएँ लेने पर प्रतिबन्ध लगा हुआ है.
इस वजह से गाँव के दलितों के लिए रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुओं के साथ-साथ रोजगार हासिल करना भी मुश्किल हो गया है.
उर्मिला ने महिलाओं से आह्वान किया कि वे जुल्म और उत्पीडन ना सहे, खुद को स्वावलंबी बनाकर घर से बाहर निकले.
Follow us: Facebook
Follow us: Twitter
Youtube
Post Business Listing - for all around India
दलित महिला बनी ऑटो चालक
Dalit woman became auto driver
कथित दलित उत्पीडन के लिए चर्चा में रहे भाटला गाँव की उर्मिला देवी ने गाँव से पलायन कर हांसी को अपना घर बनाया लेकिन जब उसने अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए काम करने का प्रयास किया तो पाया कि महिलाओं के उत्पीडन के लिए हर जगह शिकारी तैयार बैठे हैं.
इस कारण उसने किसी के यहाँ नौकरी ना करके स्वयं का कोई रोजगार करने की ठानी और रोजगार तलाश करना शुरू किया. उर्मिला ने एक इलेक्ट्रिक ऑटोरिक्शा खरीदकर उसे अपने स्वरोजगार का साधन बनाया. धीरे-धीरे उर्मिला को ऑटो ड्राईवर के रूप में पहचान मिलने लग गई.
उर्मिला के अनुसार उनके गाँव में पिछले दो वर्षों से दलितों का सामाजिक बहिष्कार चल रहा है. इसके चलते गाँव में दलित समाज के लिए खाने पीने की वस्तुएँ, किराने का सामान, दूध, पशुओं का चारा तथा अन्य रोजमर्रा की वस्तुएँ लेने पर प्रतिबन्ध लगा हुआ है.
इस वजह से गाँव के दलितों के लिए रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुओं के साथ-साथ रोजगार हासिल करना भी मुश्किल हो गया है.
उर्मिला ने महिलाओं से आह्वान किया कि वे जुल्म और उत्पीडन ना सहे, खुद को स्वावलंबी बनाकर घर से बाहर निकले.
Follow us: Facebook
Follow us: Twitter
Youtube
Post Business Listing - for all around India
दलित महिला बनी ऑटो चालक
Dalit woman became auto driver