तेज गर्मी के बीच किसान अपनी फसल की कटाई में लगा हुआ है ताकि कोई भूखा ना रहे
असली तपस्वी तो धरती मां का किसान पुत्र है जो इस समय आग गलती सूरज की तेज धूप में प्रसन्न मुद्रा में अपने खेतों में तपस्या कर रहा है ताकि कोई भी व्यक्ति भूखा ना सोये।
एक और कोरोनावायरस का कहर वहीं दूसरी ओर अपने खेतों में खड़ी मेहनत की कमाई को समेटना। कोरोना संक्रमण के चलते देशभर में 21 दिन का लॉक डाउन है ऐसे में सरकार ने किसानों को अपने खेतों में काम करने की छूट दी है
अपने परिवार के साथ घरों में आराम कर रहे हैं ऐसे समय में धरती मां का यह पुत्र जो अपने साथ दुनिया का पेट भरता है इस समय इस कड़कड़ाती धूप व बादलों की उमस के बीच अपने शरीर से टपकते पसीने की बूंदों को पोंछता हुआ गेहूं व चने की फसल जो पककर खेतों में खड़ी है उसे समेटने में लगा हुआ है।
पिछले 2-3 दिनों से मौसम का मिजाज बिगड़ने व आसमान में बादल व धुंध छाए रहने से किसानों की चिंता बढ़ी हुई है। किसानों को चिंता है कि कहीं बे मौसम बरसात व ओलावृष्टि ना हो जाए ऐसे में जैसे तैसे जितना जल्दी हो किसान अपनी गेहूं व चने की फसलों की कटाई करने में लगा हुआ है।
इस चिलमिलाती धूप में किसान अपने परिवार के सदस्यों के साथ अपने खेतों में डेरा डाले हुए हैं क्योंकि कोरोना संक्रमण के चलते जो बाहरी मजदूर थे वह अपने अपने गांवों को चले गए ऐसे में मजदूर नहीं मिलने से किसानों को अपनी फसल खुद ही काटनी पड़ रही है।
पूरा अप्रैल व लगभग आधा मई का महीना किसानों को अपनी गेहूं की फसल समेटने में बीत जाएगा।
इस संकट की घड़ी में लोगों को राशन की सख्त जरूरत है क्योंकि दूसरी चीजों के बगैर लोग सालों तक रह सकता है
मगर अपने पेट को भरने के लिए रोटी के बिना वह 1 दिन भी नहीं रह सकता ऐसे में जो लोग गरीबों को राशन के पैकेट बांटकर सोशल प्लेटफॉर्म पर छा जाते हैं फेसबुक या व्हाट्सएप पर राशन किट वितरित करते हुए अपना फोटो वायरल करते हैं
क्योंकि इस राशन को उगाने या पैदा करने वाला तो किसान ही है। इसलिए सरकार ने भी लोगों से यह अपील की है कि गरीबों को राशन सामग्री वितरित करते हुए कृपया अपना फोटो नहीं खिंचवाएं व किसी भी सोशल प्लेटफॉर्म पर अपलोड नहीं
तेज गर्मी के बीच किसान अपनी फसल की कटाई में लगा हुआ है ताकि कोई भूखा ना रहे
असली तपस्वी तो धरती मां का किसान पुत्र है जो इस समय आग गलती सूरज की तेज धूप में प्रसन्न मुद्रा में अपने खेतों में तपस्या कर रहा है ताकि कोई भी व्यक्ति भूखा ना सोये।
फोटो- देवीशंकर सुखवाल राशमी (चित्तौड़गढ़) |
एक और कोरोनावायरस का कहर वहीं दूसरी ओर अपने खेतों में खड़ी मेहनत की कमाई को समेटना। कोरोना संक्रमण के चलते देशभर में 21 दिन का लॉक डाउन है ऐसे में सरकार ने किसानों को अपने खेतों में काम करने की छूट दी है
किसान सोशल डिस्टेंस को ध्यान में रखते हुए अपनी खेती-बाड़ी के काम को सुचारू रूप से कर सकता है। लॉक डाउन के चलते लोग
अपने परिवार के साथ घरों में आराम कर रहे हैं ऐसे समय में धरती मां का यह पुत्र जो अपने साथ दुनिया का पेट भरता है इस समय इस कड़कड़ाती धूप व बादलों की उमस के बीच अपने शरीर से टपकते पसीने की बूंदों को पोंछता हुआ गेहूं व चने की फसल जो पककर खेतों में खड़ी है उसे समेटने में लगा हुआ है।
पूरा साल हो गया रोजाना मौसम का मिजाज बिगड़ने से किसान पूरे साल चिंतित ही दिखाई दिया।
पिछले 2-3 दिनों से मौसम का मिजाज बिगड़ने व आसमान में बादल व धुंध छाए रहने से किसानों की चिंता बढ़ी हुई है। किसानों को चिंता है कि कहीं बे मौसम बरसात व ओलावृष्टि ना हो जाए ऐसे में जैसे तैसे जितना जल्दी हो किसान अपनी गेहूं व चने की फसलों की कटाई करने में लगा हुआ है।
इस बार गेहूं व चने की बुवाई का रकबा भी ज्यादा रहा जिससे पैदावार अच्छी होने से किसानों के चेहरे प्रसन्न मुद्रा में है हालांकि यह उनकी पसीने की कमाई है मगर किसान तभी खुश होता है जब उनके खेतों में अच्छी पैदावार हो व मौसम उनका साथ दें।
इस चिलमिलाती धूप में किसान अपने परिवार के सदस्यों के साथ अपने खेतों में डेरा डाले हुए हैं क्योंकि कोरोना संक्रमण के चलते जो बाहरी मजदूर थे वह अपने अपने गांवों को चले गए ऐसे में मजदूर नहीं मिलने से किसानों को अपनी फसल खुद ही काटनी पड़ रही है।
पूरा अप्रैल व लगभग आधा मई का महीना किसानों को अपनी गेहूं की फसल समेटने में बीत जाएगा।
संकट के समय गरीबों को राशन किट वितरित करते हुए के फोटो खिंचवाने वालों के लिए भी सबक है किसान
इस संकट की घड़ी में लोगों को राशन की सख्त जरूरत है क्योंकि दूसरी चीजों के बगैर लोग सालों तक रह सकता है
मगर अपने पेट को भरने के लिए रोटी के बिना वह 1 दिन भी नहीं रह सकता ऐसे में जो लोग गरीबों को राशन के पैकेट बांटकर सोशल प्लेटफॉर्म पर छा जाते हैं फेसबुक या व्हाट्सएप पर राशन किट वितरित करते हुए अपना फोटो वायरल करते हैं
उन लोगों को जरा यह भी सोचना चाहिए कि आज हम जिस राशन सामग्री को वितरित करते हुए फोटो खिंचवा रहे हैं आखिर यह राशन पैदा कौन करता है इसमें किसान का भी बड़ा साथ है
क्योंकि इस राशन को उगाने या पैदा करने वाला तो किसान ही है। इसलिए सरकार ने भी लोगों से यह अपील की है कि गरीबों को राशन सामग्री वितरित करते हुए कृपया अपना फोटो नहीं खिंचवाएं व किसी भी सोशल प्लेटफॉर्म पर अपलोड नहीं
तेज गर्मी के बीच किसान अपनी फसल की कटाई में लगा हुआ है ताकि कोई भूखा ना रहे
देवीशंकर सुखवाल राशमी (चित्तौड़गढ़)
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