Happy Hypoxia है युवाओं के लिए सब से बड़ा ख़तरा, हो सकती है मौत, रिपोर्ट देखें

 Happy Hypoxia है युवाओं  के के लिए सब से बड़ा ख़तरा हो सकती है मौत

COVID-19 की दूसरी लहर के दौरान मरीजों में घातक बीमारी के कई रहस्यमय रूप सामने आए हैं।

इन्हीं में से एक है, 'हैप्पी हाइपोक्सिया'।

Happy Hypoxia है युवाओं के लिए सब से बड़ा ख़तरा, हो सकती है मौत

दूसरी लहर के दौरान हैप्पी हाइपोक्सिया के सबसे ज्यादा शिकार युवा हुए हैं, इस बात को लेकर डॉक्टर भी चिंतित हैं। 


Download RajputanNews App 

किलर Happy Hypoxia

दूसरी लहर के दौरान अस्पतालों में भर्ती होने वाले अधिकतर युवाओं के 'हैप्पी हाइपोक्सिया' (Happy Hypoxia) से पीड़ित होने की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। 

'हैप्पी हाइपोक्सिया' को COVID-19 रोगियों के लिए साइलेंट किलर माना जा रहा है। 

युवाओं की अधिक मौत का कारण भी हैप्पी हाइपोक्सिया को ही माना गया है। 


घातक बीमारी हैप्पी हाइपोक्सिया क्या है? 

हैप्पी हाइपोक्सिया कोरोना मरीज को असल स्थिति से अनजान रखता है। 

मेडिकल एक्सपर्ट के मुताबिक हैप्पी हाइपोक्सिया की स्थिति में खून में ऑक्सीजन लेवल बेहद कम हो जाता है। 

लेकिन फिर भी मरीज को इस बात का अहसास ही नहीं होता है। 

मरीज को लगता है कि सब कुछ सामान्य ही तो है।  यह स्थिति जानलेवा बन जाती है। 

हैप्पी हाइपोक्सिया, शरीर के अंदर से करता है बेहद नुकसान

डॉक्टरों के अनुसार 'हैप्पी हाइपोक्सिया' से पीड़ित मरीज में ऑक्सीजन कम होने के बाद, 

शरीर के कई अंग काम करना बंद करने लगते हैं लेकिन मरीज को देखकर ऐसा लगेगा कि वह एक दम सही है। 

ज्यादातर मरीज सामान्य तरीके से बैठ-उठ पाते हैं। 

बातचीत करते रहते हैं, फोन का उपयोग भी करते रहते हैं लेकिन अंदर ही अंदर बड़ा नुकसान हो रहा होता है।

 

हैप्पी हाइपोक्सिया, युवाओं पर सबसे ज्यादा असर

ये बीमारी सबसे अधिक असर युवाओं पर करती है। 

युवाओं में संक्रमण के काफी दिनों बाद भी सांस फूलने जैसे लक्षण का पता नहीं चल पाता है। 

जबकि हैप्पी हाइपोक्सिया से पीड़ित मरीज का ऑक्सीजन लेवल  लगभग 40 प्रतिशत तक गिर जाता है।


Gojpr - Multi-Brand Super Market By Shopkeepers

Read More:
Mahindra Bolero New Model launch : बेहद दमदार! नई महेंद्रा एसयूवी, रिपोर्ट देखें


हैप्पी हाइपोक्सिया की पहचान

डॉक्टरों के अनुसार पल्स ऑक्सीमीटर के साथ ब्लड ऑक्सीजन लेवल की जांच करें. 

बेशक COVID-19 रोगी को सांस लेने में कोई दिक्कत न हो रही हो 
लेकिन केवल बुखार,खांसी, गले में खराश आदि हो तो सतर्क हो जाएं। 

विशेषज्ञों का कहना है कि नियमित रूप से COVID-19 लक्षणों के अलावा, 

हैप्पी हाइपोक्सिया वाले रोगियों की स्किन का रंग बैंगनी या लाल हो जाएगा, 

होंठों का रंग पीला या नीला हो जाएगा और कोई भी शारीरिक श्रम न करने पर भी भारी पसीना आएगा। 

Follow us: Facebook
Follow us: Twitter
Youtube

सम्बन्धित खबरें पढने के लिए यहाँ देखे

और नया पुराने