Why should you avoid sweeteners like aspartame? आर्टिफिशल स्वीटनर वाले फूड्स क्यों अवॉइड करें?

Why should you avoid sweeteners like aspartame? 

आर्टिफिशल स्वीटनर वाले फूड्स क्यों अवॉइड करें?

आर्टिफिशल स्वीटनर चीनी के विकल्प हैं जो कुदरती रूप से पाए जाने वाले पदार्थों, जैसे किसी पौधे, जड़ी-बूटी या चीनी से प्राप्त होते हैं। 

आर्टिफिशल स्वीटनर ज़्यादा मीठे होते हैं इसलिए चीनी की तुलना में इनकी ज़रूरत कम मात्रा में होती है।


Why should you avoid sweeteners like aspartame? आर्टिफिशल स्वीटनर वाले फूड्स क्यों अवॉइड करें?
Why should you avoid sweeteners like aspartame? 



प्रोसेस्ड फूड्स & आर्टिफिशल स्वीटनर

प्रोसेस्ड फूड्स (processed foods) में आर्टिफिशल स्वीटनर (Artificial sweetener) का यूज़ होता है।

एस्पार्टेम (Aspartame), आम तौर सबसे ज्यादा यूज़ होने वाला आर्टिफिशल स्वीटनर, इनमे सॉफ्ट ड्रिंक अन्य पेय पदार्थ, बेक किया हुआ सामान, कैंडी, पुडिंग और दही, डिब्बा बंद खाद्य पदार्थ और जैम जैसे मीठे पदार्थ शामिल हैं।

एस्पार्टेम (Aspartame)

एस्पार्टेम (Aspartame) खबरों में बना हुआ है, इसका कारण वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन (WHO) की कैंसर रिसर्च आर्म, इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) की ताज़ा रिपोर्ट है। 

रिपोर्ट बताती है कि एस्पार्टेम को अगले महीने संभावित कैंसरजन (carcinogen) घोषित किया जाएगा।



एस्पार्टेम (Aspartame) और  मुख्य प्रोडक्ट्स


इन ताज़ा हालातों को देखते हुए, यह जानना जरुरी है कि एस्पार्टेम हमारे जीवन पर क्या असर डालता है

आगे हमारे जीवन पर असर डालने इम्पोर्टेन्ट प्रोडक्ट्स हैं जिनमें एस्पार्टेम (Aspartame)  होता है।

डाइट सोडा: 

डाइट सोडा, जैसे डाइट कोक, डाइट पेप्सी और कोक ज़ीरो में चीनी के दूसरे रूप में एस्पार्टेम होता है।

शुगर-फ्री गम: 

एस्पार्टेम आमतौर पर शुगर-फ्री च्युइंग गम जैसे ट्राइडेंट, ऑर्बिट और दूसरे शुगर-फ्री च्युइंग गम में पाया जाता है। 


लौ कैलोरी वाला दही: 

कुछ लौ कैलोरी वाले या "हल्के" दही ब्रांड स्वीटनर के रूप में एस्पार्टेम का उपयोग कर सकते हैं। 

एस्पार्टेम शामिल है या नहीं यह तय करने के लिए हमेशा इंग्रेडिएंट लिस्ट (घटक सूची) को अच्छी तरह देख लें।

शुगर-फ्री पुडिंग: 

कुछ शुगर-फ्री पुडिंग मिक्सचर में चीनी के यूज़ के बिना मिठा बनाने करने के लिए एस्पार्टेम हो सकता है।


शुगर-फ्री जेली और सिरप: 

टॉपिंग या फिलिंग के रूप में यूज़ की जाने वाली कुछ शुगर-फ्री जेली, जैम और सिरप में चीनी के बदले एस्पार्टेम का इस्तेमाल किया जा सकता है।

एस्पार्टेम की पहचान करना:

एस्पार्टेम को "शुगर-फ्री" या "डाइट"  के रूप में लगे लेबल वाले तरह तरह के प्रोडक्ट्स में पाया जा सकता है।

अगर आप इससे बचने की कोशिश कर रहे हैं तो ये हमेशा एक अच्छी प्रैक्टिस रहेगी कि लेबल पर इंग्रेडिएंट लिस्ट में  "शुगर-फ्री" या "डाइट" के लेबल को अच्छी तरह देख लें कि उसमें एस्पार्टेम यूज़ (प्रयोग) करने का कोई हिंट तो नहीं मिल रहा। 

ये ध्यान रखना जरुरी है कि एस्पार्टेम के बारे में लोगों के रिएक्शन (प्रतिक्रियाएँ) अलग अलग हो सकते है। हालाँकि आज कल हालातों में हैल्थी लाइफ स्टाइल जरुरी है। 

आर्टिफिशल स्वीटनर वाले फ़ूड को खाने से बचे। इसके बजाय, स्वस्थ और ताज़ा खाएं।  यहां बहुत सारे रेडी तो ईट फ़ूड के हैल्दी ऑप्शन है। जो जल्दी बनने वाले और सुविधाजनक है। 


यहां बड़ा सवाल यह है कि क्या हमें केवल उस बात पर भरोसा करना चाहिए जो बड़े फ़ूड लॉबिस्ट हमें बताते हैं? 
क्योंकि उनके पास प्रभाव डालने के लिए पैसा है। 

ऐसी रिसर्च को ज़्यादातर किसी बड़े फ़ूड लॉबिस्ट के द्वारा स्पांसर किया जाता है।

इसलिए ऐसी रिसर्च कई और रिफरेन्स से क्रॉस चेक कर लेना चाहिए। कौन जाने किसने इसे स्पोंसर किया है। 

ये बहुत मैटर करता है। अपनी हेल्थ पर ध्यान दें जान लें की क्या आप के लिए अच्छा है। कोई भी चीज़ जो आर्टिफिशल या केमिकल से बनी है ओ हेल्थ के लिए अच्छी नहीं हो सकती। 

लेबल पढ़े और सही सवाल पूछें। देख लें क्या खा रहें। मार्केटिंग हथकंडों के धोखे में नहीं आएं। 

इसके साथ,  प्रोडक्ट खरीदने से पहले इंग्रेडिएंट्स (ingredients) डिटेल्स पढ़ लें। जैसा आप खाते है वैसे आप बनते है। इसलिए ताजा और नेचुरल ही खाएं।

एस्पार्टेम वाली ये रिपोर्ट बड़े फ़ूड कॉर्पोरेशंस और सरकारी एजेंसियों की अकॉउंटेब्लिटी के बारे में बताती है। 

जहां  कंजूमर को उचित मेहनत करने की जरुरत है, वहीं स्ट्रिक्ट कोड ऑफ़ कंडक्ट (आचार संहिता) लागू करने की जिम्मेदारी निर्माताओं और अधिकारियों पर भी आती है।



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